3 जून 2025: भारतीय शेयर बाजार का दैनिक विश्लेषण – गिरावट के बावजूद कुछ शेयरों में चमक!

शेयर बाजार हिन्दी

परिचय: बाजार का हालचाल

3 जून, 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट दर्ज की, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल रहा । सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांक लाल निशान में बंद हुए, हालांकि दिन के दौरान काफी उतार-चढ़ाव देखा गया । भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई, जो कमजोर वैश्विक संकेतों, उच्च मूल्यांकन और विदेशी पूंजी के बहिर्प्रवाह की चिंताओं से प्रभावित था ।  

बाजार ने दिन भर में भारी उतार-चढ़ाव देखा, सेंसेक्स 1,200 अंकों की रेंज में घूमता रहा, जो 81,774 के उच्चतम स्तर से 80,575 के न्यूनतम स्तर तक गया । यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं, जो 3 जून से शुरू होकर 6 जून को समाप्त होगी । इस ब्लॉग पोस्ट में, 3 जून के बाजार के प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें प्रमुख शेयर मूल्य गतिविधियों, शीर्ष गेनर्स और लूजर्स, और दिन के सबसे चर्चित विषयों पर प्रकाश डाला गया है।  

2. बाजार की चाल: आंकड़े एक नज़र में

भारतीय शेयर बाजार में 3 जून, 2025 को प्रमुख सूचकांकों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 636.24 अंक या 0.78% गिरकर 80,737.51 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 में 174.10 अंक या 0.70% की गिरावट देखी गई और यह 24,542.50 पर बंद हुआ । दोनों बेंचमार्क सूचकांकों ने लगातार तीसरे सत्र के लिए गिरावट दर्ज की । दिन के दौरान सेंसेक्स 81,492.50 पर खुला और 80,575.09 का निचला स्तर छुआ । निफ्टी 50, 24,786.30 पर खुला और 24,502.15 के निचले स्तर तक गिरा ।  

तालिका: 3 जून 2025 को सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन

सूचकांकपिछला बंदखुलाउच्चतमन्यूनतमबंदपरिवर्तन (अंक)परिवर्तन (%)
सेंसेक्स81,373.75 81,492.50 81,774 80,575.09 80,737.51 -636.24 -0.78%
निफ्टी 5024,716.60 24,786.30 —-24,502.15 24,542.50 -174.10 -0.70%

क्षेत्रीय सूचकांकों में, अधिकांश प्रमुख क्षेत्रों ने गिरावट दर्ज की । बैंक, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, आईटी, ऑयल एंड गैस, पावर, प्राइवेट बैंक और पीएसयू बैंक जैसे क्षेत्रों में 0.5% से 1% के बीच गिरावट आई । हालांकि, निफ्टी रियल्टी एकमात्र ऐसा क्षेत्र था जिसने 1% की बढ़त दर्ज की और लगातार दूसरे सत्र में बेहतर प्रदर्शन किया । यह प्रदर्शन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदों से प्रेरित था, क्योंकि कम ब्याज दरें रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए सकारात्मक मानी जाती हैं । निफ्टी मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में मिश्रित रुझान देखा गया, मिडकैप 0.5% नीचे और स्मॉलकैप 0.1% ऊपर बंद हुआ ।  

सेंसेक्स का 1,200 अंकों की भारी रेंज में घूमना और निफ्टी का लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज करना बाजार में उच्च अस्थिरता और अनिश्चितता को दर्शाता है । निवेशक किसी बड़ी खबर या स्पष्ट दिशा का इंतजार कर रहे हैं, जिससे छोटी खबरें भी बाजार को प्रभावित कर रही हैं। इस अस्थिरता का कारण वैश्विक अनिश्चितता, जैसे डोनाल्ड ट्रम्प के व्यापार शुल्क और भू-राजनीतिक तनाव, और घरेलू ट्रिगर्स की कमी है । यह स्थिति खुदरा निवेशकों के लिए एक उच्च जोखिम वाला माहौल बनाती है।  

रियल्टी क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन, जबकि अधिकांश अन्य क्षेत्र लाल निशान में थे, यह दर्शाता है कि बाजार भविष्य की घटनाओं पर प्रतिक्रिया दे रहा है । आरबीआई से ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें, जो होम लोन को सस्ता बनाती हैं और डेवलपर्स के लिए उधार लेने की लागत कम करती हैं, ने इस क्षेत्र में खरीदारी को बढ़ावा दिया। यह निवेशकों के लिए एक संकेत है कि उन्हें केवल मौजूदा रुझानों पर ही नहीं, बल्कि संभावित भविष्य के ट्रिगर्स पर भी ध्यान देना चाहिए।  

3. आज के शीर्ष 5 गेनर्स और लूजर्स

3 जून, 2025 को Nifty 50 पर कुछ शेयरों में बढ़त देखी गई, जबकि अधिकांश में गिरावट दर्ज हुई।

तालिका: 3 जून 2025 को Nifty 50 के शीर्ष 5 गेनर्स और लूजर्स

गेनर्स (Nifty 50)अंतिम व्यापार मूल्य (₹)परिवर्तन (%)लूजर्स (Nifty 50)अंतिम व्यापार मूल्य (₹)परिवर्तन (%)
ग्रासिम इंडस्ट्रीज 2,556.30+1.28अदानी पोर्ट्स 1,434.00-2.32
श्रीराम फाइनेंस 649.00+1.00अदानी एंटरप्राइजेज 2,471.10-1.89
बजाज ऑटो 8,569.00+0.65कोल इंडिया 392.30-1.85
महिंद्रा एंड महिंद्रा 3,044.00+0.60बजाज फिनसर्व 1,993.60-1.74
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज 1,249.00+0.10पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन 288.15-1.67

अदानी समूह के शेयर, जैसे अदानी पोर्ट्स और अदानी एंटरप्राइजेज, शीर्ष लूजर्स में से थे । अदानी समूह के शेयरों में 2% से 2.5% की गिरावट देखी गई । यह गिरावट वॉल स्ट्रीट जर्नल की उस रिपोर्ट के बाद आई जिसमें कहा गया है कि अमेरिका गौतम अदानी के व्यापार साम्राज्य की जांच कर रहा है, जिसमें ईरानी एलपीजी आयात से संबंधित आरोप शामिल हैं । हालांकि कंपनी ने आरोपों को “निराधार और शरारती” बताया , बाजार ने तुरंत नकारात्मक प्रतिक्रिया दी। यह घटना भू-राजनीतिक तनाव और नियामक जांच के कारण बड़े कॉर्पोरेट समूहों पर पड़ने वाले प्रत्यक्ष प्रभाव को दर्शाती है। यह इंगित करता है कि भारतीय बाजार अब केवल घरेलू कारकों से ही नहीं, बल्कि वैश्विक भू-राजनीतिक जोखिमों और अंतरराष्ट्रीय नियामक जांचों से भी तेजी से प्रभावित हो रहे हैं। निवेशकों को अब केवल कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर ही नहीं, बल्कि उसकी वैश्विक परिचालन और नियामक जोखिमों पर भी ध्यान देना होगा।  

4. बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण

भारतीय शेयर बाजार में 3 जून को देखी गई गिरावट के कई प्रमुख कारण थे:

  • उच्च मूल्यांकन की चिंताएं: भारतीय शेयर बाजार के अत्यधिक मूल्यांकन, विशेषकर व्यापक बाजार में, को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। निफ्टी 50 का वर्तमान मूल्य-से-आय (PE) अनुपात इसके एक साल के औसत PE से ऊपर है, जो निवेशकों के बीच सावधानी का कारण बन रहा है ।  
  • अमेरिकी व्यापार नीति में अनिश्चितता: डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार शुल्क नीतियों के आसपास की अनिश्चितता ने निवेशकों को दुनिया भर में सतर्क रखा है । चीन ने अमेरिका पर व्यापार समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है, जिससे वैश्विक व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ गया है ।  
  • विदेशी पूंजी का बहिर्प्रवाह (FPIs): विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने पिछले दो सत्रों में नकदी खंड में लगभग ₹9,000 करोड़ की भारतीय इक्विटी बेची है । यह बढ़ती अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और भारतीय इक्विटी के ऊंचे मूल्यांकन के कारण हुआ है । 2 जून, 2025 तक, FIIs/FPIs ने ₹2,589.47 करोड़ की शुद्ध बिक्री की । यह विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से पूंजी निकालने का एक स्पष्ट संकेत है, जो बाजार की भावना को कमजोर करता है।  
  • घरेलू ट्रिगर्स की कमी: Q4FY25 के परिणाम काफी हद तक स्थिर रहे, लेकिन वे बाजार की भावना को बढ़ावा देने में विफल रहे। बाजार अब RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक (3-6 जून) से एक निर्णायक टिप्पणी का इंतजार कर रहा है । हालांकि 25 आधार अंकों की दर कटौती की उम्मीद है, यह पहले से ही अपेक्षित है, इसलिए यह बाजार को कोई महत्वपूर्ण बढ़ावा नहीं दे सकता है ।  

FIIs द्वारा भारतीय इक्विटी की लगातार बिक्री एक चिंता का विषय है, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) द्वारा मजबूत खरीद ने बाजार को और अधिक गिरावट से बचाया है । 2 जून को, DIIs ने ₹5,313.76 करोड़ की शुद्ध खरीद की । यह एक महत्वपूर्ण विरोधाभास है। FIIs वैश्विक कारकों और भारतीय बाजार के उच्च मूल्यांकन के कारण बाहर निकल रहे हैं, जबकि DIIs भारतीय अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित ताकत और दीर्घकालिक विकास क्षमता पर भरोसा दिखा रहे हैं। यह भारतीय बाजार की लचीलापन को दर्शाता है, जहां घरेलू तरलता विदेशी बहिर्प्रवाह के प्रभाव को कम करने में मदद कर रही है। यह घरेलू निवेशकों के बढ़ते प्रभाव और भारतीय बाजार में उनकी बढ़ती भागीदारी का भी संकेत है, जो बाजार को बाहरी झटकों के प्रति कम संवेदनशील बना सकता है। हालांकि, लंबे समय तक FII बहिर्प्रवाह बाजार की भावना को कमजोर कर सकता है।  

5. आज के ट्रेंडिंग कीवर्ड्स और उनका विश्लेषण

आज के कारोबारी सत्र में कई शेयर और विषय चर्चा में रहे, जिनके पीछे विशिष्ट कारण थे:

  • यस बैंक (Yes Bank): यस बैंक का शेयर मूल्य ₹20.86 पर 10.40% की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ । कुछ रिपोर्टों में ₹2,022 करोड़ की ब्लॉक डील की बात कही गई, जिससे शेयर में तेज गिरावट आई । इसके अतिरिक्त, बैंक ने जापान के सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन द्वारा नियंत्रण लेने की योजना से संबंधित अधिग्रहण की अफवाहों को “तथ्यात्मक रूप से गलत” बताते हुए स्पष्टीकरण दिया । 2 जून को शेयर में 8% की तेजी देखी गई थी, जो 3 जून को 10% की गिरावट में बदल गई, यह दर्शाता है कि बाजार अप्रमाणित खबरों पर अत्यधिक निर्भर है । यस बैंक के शेयर मूल्य में यह भारी गिरावट अप्रमाणित अधिग्रहण की अफवाहों और एक बड़ी ब्लॉक डील के कारण हुई । बैंक के स्पष्टीकरण के बावजूद, शेयर में तेज गिरावट आई। यह दर्शाता है कि बाजार, विशेष रूप से खुदरा निवेशक, बिना सत्यापन के मीडिया रिपोर्टों और अफवाहों पर अत्यधिक प्रतिक्रिया करते हैं। ब्लॉक डील से जुड़ी खबरें भी तुरंत कीमतों को प्रभावित करती हैं, जिससे अल्पकालिक अस्थिरता बढ़ जाती है। यह निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि वे “पुष्टि न की गई खबरों” पर आधारित त्वरित निर्णयों से बचें।  

  • रिलायंस पावर शेयर (Reliance Power Share) और अनिल अंबानी रिलायंस पावर (Anil Ambani Reliance Power): रिलायंस पावर का शेयर मूल्य ₹58.91 पर 5.01% की गिरावट के साथ बंद हुआ । यह गिरावट अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा दिवालियापन याचिका स्वीकार किए जाने की खबर के बाद आई । यह याचिका IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज द्वारा दायर की गई थी, जिसमें कंपनी पर ₹88 करोड़ से अधिक के बकाया का आरोप लगाया गया था । हालांकि, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि उसने धुरसर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड को ₹92.68 करोड़ का पूरा भुगतान कर दिया है और NCLT के आदेश के खिलाफ NCLAT (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल) में अपील करेगी । कंपनी का दावा है कि NCLT के आदेश का उस पर या उसकी किसी सहायक कंपनी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा । यह घटना दर्शाती है कि अनिल अंबानी समूह की एक कंपनी के खिलाफ नकारात्मक खबर का असर दूसरी समूह कंपनी पर भी पड़ा । निवेशक किसी एक समूह कंपनी से जुड़ी नकारात्मक खबरों को पूरे समूह के लिए जोखिम के रूप में देखते हैं, भले ही कानूनी मुद्दा सीधे तौर पर संबंधित कंपनी से न जुड़ा हो। यह ‘समूह जोखिम’ की धारणा को मजबूत करता है, खासकर उन समूहों के लिए जिनके पास पहले से ही वित्तीय चुनौतियां रही हैं।  

  • यूनियन बैंक शेयर (Union Bank Share): यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का शेयर मूल्य ₹151.60 पर 0.98% की गिरावट के साथ बंद हुआ । सुबह की रैली के बाद इसमें लगभग 0.7% की गिरावट आई । यह पीएसयू बैंक ने मजबूत Q4 आय और क्षेत्रीय बढ़ावा के बावजूद गिरावट दर्ज की । निफ्टी प्राइवेट बैंक और पीएसयू बैंक सूचकांकों में भी गिरावट देखी गई । यह गिरावट आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक से ठीक पहले हुई। बाजार ब्याज दर कटौती की उम्मीद कर रहा है, जो आमतौर पर बैंकों के लिए सकारात्मक होता है। हालांकि, बैठक से ठीक पहले गिरावट यह संकेत देती है कि निवेशक परिणाम आने से पहले मुनाफावसूली कर रहे हैं या अनिश्चितता के चलते सतर्कता बरत रहे हैं। यह “बाय द रूमर, सेल द न्यूज़” की रणनीति को दर्शाता है, जहां बाजार किसी घटना की उम्मीद में बढ़ता है, और जब घटना वास्तव में होती है, तो निवेशक मुनाफावसूली करते हैं।  

  • डाउ जोन्स (Dow Jones): 2 जून, 2025 को डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 35.41 अंक या 0.08% की मामूली बढ़त के साथ 42,305.48 पर बंद हुआ । अमेरिकी शेयर बाजार मिश्रित खुले, निवेशक व्यापार वार्ता का इंतजार कर रहे थे । वैश्विक व्यापार तनाव (ट्रम्प टैरिफ) और चीन की विनिर्माण गतिविधि में गिरावट की चिंताओं के बावजूद डाउ जोन्स में मामूली बढ़त देखी गई । हालांकि, भारतीय बाजार घरेलू ट्रिगर्स की कमी, भू-राजनीतिक मुद्दों और अस्थिर मुद्रा बाजार के बीच नकारात्मक रहा । डाउ जोन्स में मामूली सकारात्मक बंद के बावजूद भारतीय बाजार में गिरावट आई, जो दर्शाता है कि भारतीय बाजार उस दिन घरेलू कारकों जैसे उच्च मूल्यांकन, FPI बहिर्प्रवाह और RBI नीति के इंतजार से अधिक प्रभावित था । यह इस बात पर जोर देता है कि भारतीय बाजार पूरी तरह से वैश्विक रुझानों का पालन नहीं करता है; घरेलू आर्थिक और राजनीतिक कारक अक्सर अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।  

  • यूनाइटेड स्पिरिट्स (United Spirits): यूनाइटेड स्पिरिट्स का शेयर मूल्य ₹1,577.00 पर 27.70 अंक या 1.79% की बढ़त के साथ बंद हुआ । इसका 52-सप्ताह का उच्चतम ₹1,700.00 (03-जनवरी-2025) और निम्नतम ₹1,135.75 (04-जून-2024) रहा । यूनाइटेड स्पिरिट्स ने व्यापक बाजार की गिरावट के बावजूद बढ़त दर्ज की। यह कंपनी या उसके सेक्टर (शराब/उपभोक्ता विवेकाधीन) में अंतर्निहित ताकत, सकारात्मक कंपनी-विशिष्ट समाचार, या मजबूत फंडामेंटल को दर्शाता है जो व्यापक बाजार की भावना को दूर कर सकते हैं। यह बताता है कि एक समग्र बाजार गिरावट के दौरान भी, कुछ गुणवत्ता वाले स्टॉक या विशिष्ट क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।  

  • MRF शेयर मूल्य (MRF Share Price): MRF का शेयर मूल्य ₹1,37,834.30 पर 1.97% की गिरावट के साथ बंद हुआ । हालांकि, 3 जून, 2025 को यह भारत का सबसे महंगा स्टॉक बन गया, जिसने एल्सीड इन्वेस्टमेंट्स को पीछे छोड़ दिया । यह प्रदर्शन मजबूत कमाई और फंडामेंटल पर आधारित है। कंपनी ने Q4 FY25 में शुद्ध लाभ में 31% YoY की वृद्धि दर्ज की । स्टॉक मार्च 2025 में अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर ₹1,02,124 से लगभग 35% उछला है । MRF का “सबसे महंगा स्टॉक” का खिताब फिर से हासिल करना यह दर्शाता है कि मजबूत फंडामेंटल और ठोस कमाई बाजार की व्यापक गिरावट के बावजूद निवेशकों का विश्वास बनाए रख सकती है । यह दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि वे गुणवत्ता पर ध्यान दें।  

  • ईंधन की कीमतें (Fuel Prices): 3 जून, 2025 को भारत के प्रमुख शहरों में ईंधन की कीमतें इस प्रकार थीं: नई दिल्ली में पेट्रोल ₹94.77 प्रति लीटर और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर था। मुंबई में पेट्रोल ₹103.5 प्रति लीटर और डीजल ₹90.03 प्रति लीटर था। चेन्नई में पेट्रोल ₹100.8 प्रति लीटर और डीजल ₹92.39 प्रति लीटर था, जबकि कोलकाता में पेट्रोल ₹105.41 प्रति लीटर और डीजल ₹92.02 प्रति लीटर था । सीएनजी की कीमतें नई दिल्ली में ₹76.09 प्रति किलोग्राम और मुंबई में ₹77 प्रति किलोग्राम थीं । प्रदान किए गए डेटा में ईंधन की कीमतों में कोई महत्वपूर्ण दैनिक परिवर्तन नहीं दिखाया गया है, जो स्थिरता का सुझाव देता है। स्थिर ईंधन कीमतें मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने में मदद कर सकती हैं, जो आरबीआई के लिए ब्याज दरों पर निर्णय लेते समय एक महत्वपूर्ण कारक है।  

  • इनॉक्स विंड शेयर मूल्य (Inox Wind Share Price): इनॉक्स विंड का शेयर मूल्य ₹181.40 पर 2.21% की गिरावट के साथ बंद हुआ । इसका 52-सप्ताह का उच्चतम ₹262.10 और निम्नतम ₹124.35 रहा । इनॉक्स विंड के शेयर में गिरावट देखी गई, जो व्यापक बाजार की नकारात्मक भावना को दर्शाती है। यह गिरावट बाजार की व्यापक बिकवाली के दबाव, घरेलू ट्रिगर्स की कमी, और शायद एफआईआई बहिर्प्रवाह के कारण हुई होगी, जो बाजार में तरलता को कम करता है और कमजोर शेयरों को प्रभावित करता है। यह दर्शाता है कि एक मजबूत बाजार के दौरान भी, कुछ स्टॉक व्यापक बाजार की नकारात्मक भावना से बच नहीं पाते हैं।  

  • 3B फिल्म्स IPO GMP (3B Films IPO GMP): 3B फिल्म्स आईपीओ मंगलवार, 3 जून, 2025 को बंद हुआ । 2 जून, 2025 तक, आईपीओ को दूसरे दिन (सोमवार, 2 जून को सुबह 11:25 बजे तक) 1.13 गुना सब्सक्राइब किया गया था । ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ₹3 था, जो इश्यू मूल्य ₹50 पर 6% प्रीमियम दर्शाता है । इश्यू का आकार ₹33.75 करोड़ था । लिस्टिंग की अपेक्षित तिथि शुक्रवार, 6 जून, 2025 है, और यह BSE SME प्लेटफॉर्म पर होगी । आईपीओ का मामूली सब्सक्रिप्शन और कम जीएमपी नए लिस्टिंग के प्रति निवेशकों की सतर्क भावना को दर्शाता है। यह इंगित करता है कि प्राथमिक बाजार में निवेशक अब अधिक विवेकपूर्ण हो गए हैं और केवल उच्च गुणवत्ता वाले आईपीओ या उन आईपीओ में निवेश कर रहे हैं जो महत्वपूर्ण लिस्टिंग लाभ की पेशकश करते हैं। यह व्यापक बाजार में मौजूदा अस्थिरता और गिरावट से भी प्रभावित हो सकता है, जिससे निवेशकों का जोखिम लेने का रुझान कम हुआ है।  

6. विशेषज्ञों की राय और आगे की राह

बाजार विशेषज्ञों ने 3 जून के कारोबारी सत्र को उच्च अस्थिरता वाला बताया। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, वी.के. विजयकुमार ने कहा कि बाजार में अब चिंता उच्च मूल्यांकन को लेकर है, खासकर व्यापक बाजार में । हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि धन प्रवाह के रुझान और खुदरा निवेशकों के लंबे समय तक निवेश बनाए रखने की प्रवृत्ति बताती है कि भारतीय इक्विटी लंबे समय तक उच्च मूल्यांकन पर बनी रहेगी । रेलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी ऑफ रिसर्च, अजीत मिश्रा ने विदेशी फंडों के लगातार बहिर्प्रवाह और कमजोर वैश्विक संकेतों (भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार सौदों पर अनिश्चितता) को बाजारों पर दबाव डालने का मुख्य कारण बताया । जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के हेड ऑफ रिसर्च, विनोद नायर ने भी घरेलू बाजार के नकारात्मक क्षेत्र में रहने का कारण मिश्रित वैश्विक संकेतों, भू-राजनीतिक मुद्दों और अस्थिर मुद्रा बाजार को बताया ।  

कोटक सिक्योरिटीज के हेड ऑफ इक्विटी रिसर्च, श्रीकांत चौहान के अनुसार, इंट्राडे बाजार का स्वरूप कमजोर है। उन्होंने सुझाव दिया कि 24,450/80500 का स्तर टूटने पर ही ताजा बिकवाली संभव है, जिसके बाद निफ्टी 24,320-24,300/80100-80000 तक गिर सकता है । वहीं, यदि सूचकांक 24,600/81000 से ऊपर जाता है, तो 20-दिवसीय एसएमए या 24,700/81300 की ओर त्वरित पुलबैक रैली हो सकती है । सामान्य बाजार की उम्मीद बुधवार को बाजार के मंदी रहने की है ।  

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक (3-6 जून) बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। बाजार 25 आधार अंकों की दर कटौती की उम्मीद कर रहा है । हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह उम्मीद पहले से ही बाजार में शामिल हो सकती है, जिससे वास्तविक घोषणा पर कोई बड़ा उछाल नहीं आएगा । निवेशक आरबीआई के ब्याज दर निर्णय के बाद एक निर्णायक टिप्पणी का इंतजार कर रहे हैं । यह “बाय द रूमर, सेल द न्यूज़” की अवधारणा को दर्शाता है, जहां बाजार किसी घटना की उम्मीद में बढ़ता है, और जब घटना वास्तव में होती है, तो निवेशक मुनाफावसूली करते हैं, जिससे कीमत में अपेक्षित वृद्धि नहीं होती है। निवेशकों को केवल “क्या होने वाला है” पर ही नहीं, बल्कि “बाजार ने पहले से क्या कीमत लगाई है” पर भी विचार करना चाहिए।  

7. निष्कर्ष

3 जून, 2025 भारतीय शेयर बाजार के लिए एक चुनौतीपूर्ण दिन था, जिसमें प्रमुख सूचकांकों में लगातार तीसरे दिन गिरावट देखी गई। वैश्विक व्यापार तनाव, उच्च मूल्यांकन और विदेशी पूंजी के बहिर्प्रवाह ने बाजार की भावना को कमजोर किया। हालांकि, रियल्टी जैसे कुछ क्षेत्रों ने आरबीआई की दर कटौती की उम्मीदों के कारण बेहतर प्रदर्शन किया, और MRF जैसे गुणवत्ता वाले शेयरों ने मजबूत फंडामेंटल के दम पर अपनी स्थिति बनाए रखी।

यस बैंक और रिलायंस पावर जैसे शेयरों में देखी गई अस्थिरता ने अफवाहों और कॉर्पोरेट समाचारों के प्रति बाजार की संवेदनशीलता को उजागर किया। घरेलू संस्थागत निवेशकों का समर्थन विदेशी बहिर्प्रवाह के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण रहा, जो भारतीय बाजार की अंतर्निहित लचीलापन को दर्शाता है। आगे चलकर, आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक के परिणाम बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रिगर होंगे। निवेशकों को तकनीकी स्तरों पर ध्यान देना चाहिए और सावधानी के साथ निवेश करना चाहिए। बाजार में अनिश्चितता बनी रह सकती है, लेकिन गुणवत्ता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने से निवेशकों को इस अस्थिर माहौल में नेविगेट करने में मदद मिल सकती है।

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इस लेख में दी गई सभी जानकारी केवल सामान्य जानकारी और शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। यहां दी गई किसी भी जानकारी को निवेश सलाह या सिफारिश के रूप में न लें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की वित्तीय हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

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