ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन क्यों ज़रूरी है? 📝
ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन आपका पहला पड़ाव है। इससे आप रिटर्न भरने, रिफंड ट्रैक करने और नोटिस का जवाब देने जैसी डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। पैन ही आपका यूज़र ID बनता है, इसलिए पैन सक्रिय होना चाहिए।
रजिस्ट्रेशन के स्टेप्स
- पोर्टल खोलें — https://www.incometax.gov.in
- Register > Individual चुनें।
- पैन डालें, Validate करें और Continue करें।
- नाम, जन्म-तिथि, मोबाइल-ईमेल व पता भरें।
- मोबाइल-ईमेल पर आए OTP से विवरण कन्फ़र्म करें।
- मजबूत Password सेट कर लें और Registration पूरा हो जाता है।

ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन का दृश्य
2. डॉक्युमेंट्स अपलोड करना: क्या-क्या रखें तैयार? 📂
ITR भरने से पहले कुछ मुख्य डॉक्युमेंट्स डिजिटल रूप में स्कैन कर लें। फ़ाइल साइज़ 5 MB से कम और PDF/JPEG फॉर्मेट उपयुक्त रहता है।
- PAN व आधार कार्ड
- Form 16 या वेतन स्लीप
- Form 26AS और AIS/TIS डाउनलोड करके रखें
- बैंक स्टेटमेंट व ब्याज सर्टिफिकेट
- टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट प्रूफ़ (LIC, PPF, ELSS आदि)
- अन्य आय रसीदें — रेंट, कैपिटल गेन्स, फ्रीलांस इनकम
पोर्टल के ‘Add Document’ बटन से फाइल ड्रैग-ड्रॉप करें, फिर Document Type चुनें और Submit दबाएँ। सही लेबलिंग से बाद में मिलान आसान हो जाता है।
3. टैक्स कैलकुलेशन और डिडक्शन क्लेम करना 🧮
ई-फाइलिंग फ़ॉर्म प्री-फिल्ड डेटा दिखाता है, फिर भी आप हर सेक्शन री-व्यू करें।
- Income Details सेक्शन खोलें। सैलरी, ब्याज, रेंट इत्यादि जोड़ें।
- Deductions पर जाएँ। 80C, 80D, 80G व अन्य कटौतियाँ भरें।
- Old vs New Regime तुलना स्क्रीन पर दिखेगी। जो भी फायदेमंद हो, वही चुनें।
- सिस्टम टैक्स लायबिलिटी ऑटो-कैल्कुलेट कर देगा। Self-assessment टैक्स बनता है तो Challan 280 से तुरंत भुगतान कर सकते हैं।
- ‘Preview Return’ दबा कर सभी आंकड़े दोबारा जाँचें। कोई त्रुटि हो तो Edit करके Save करें।
4. वेरीफिकेशन और सबमिशन: फाइलिंग का निर्णायक चरण ✅
सही डेटा भरने के बाद Submit पर क्लिक करें। अगले पेज पर e-Verify Now चुनने से रिटर्न तुरन्त वेरीफाई हो जाता है। प्रमुख ई-वेरिफिकेशन विकल्प–
- आधार OTP
- नेट-बैंकिंग लॉग-इन
- डिजिटल सिग्नेचर
- ई-वेरिफिकेशन कोड (EVC)
यदि आप e-Verify Later चुनते हैं, तो 30 दिन के भीतर वेरीफाई करना अनिवार्य है। देर होने पर रिटर्न अमान्य मान लिया जाता है, इसलिए तुरंत ई-वेरिफाई करना बेहतर है।

ITR फाइलिंग की प्रमुख स्टेप्स का इन्फोग्राफिक
5. फाइलिंग के बाद क्या करें? ⏭️
रिटर्न जमा होने पर आपको Acknowledgement नंबर मिलता है। आगे की कार्रवाई के लिए ये स्टेप्स अपनाएँ:-
- Acknowledgement PDF डाउनलोड करके सुरक्षित रखें।
- Refund Status पोर्टल या नेट-बैंकिंग से ट्रैक करें। आमतौर पर 10-45 दिन में रिफंड बैंक खाते में आ जाता है।
- Form 26AS पर नज़र रखें—अगर कोई अतिरिक्त TDS जमा हो तो रिफंड दर दर भटकने से बचेंगे।
- नोटिस अलर्ट के लिए ई-मेल और SMS चेक करते रहें। समय सीमा में जवाब देंगे तो पेनल्टी से बचेंगे।
- अगले वर्ष के लिए डिजिटल फोल्डर बना लें। जैसे-जैसे इन्वेस्टमेंट या खर्च होते जाएँ, रसीदें जोड़ते रहें। इससे अगली फाइलिंग तेज़ और त्रुटिरहित होती है।
निष्कर्ष: पहली फाइलिंग को बनाइए सुपर-स्मूद 🌟
पहली बार ITR भरना डराने वाला लग सकता है, लेकिन ऊपर बताए स्टेप-बाय-स्टेप रास्ते पर चलेंगे तो प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
- रजिस्ट्रेशन से डिजिटल अधिकार मिलते हैं।
- सभी डॉक्युमेंट्स पहले से स्कैन करके अपलोड में समय बचता है।
- सही डिडक्शन क्लेम कर टैक्स बचत बढ़ती है।
- तत्काल e-Verification रिफंड को तेज़ बनाता है।
- फाइलिंग के बाद की मॉनिटरिंग भविष्य की झंझटों से बचाती है।
आज ही पोर्टल पर लॉग-इन करें, आवश्यक कागज़ तैयार रखें और अपनी पहली ITR फाइलिंग को सफल बनाएं। सवाल हो तो भरोसेमंद टैक्स प्रोफेशनल से सलाह लेने में संकोच न करें।