ITR फाइलिंग 2025: जरूरी कागजात की पूरी लिस्ट और इन्हें संभालने के आसान तरीके! 📋💼

दोस्तों, ITR फाइलिंग 2025 का समय आ गया है और सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि हमें अपने टैक्स रिटर्न के लिए कौन-कौन से कागजात चाहिए होते हैं! 😅 आज हम आपको एक पूरी लिस्ट देने वाले हैं जिससे आप बिना किसी झंझट के अपनी ITR फाइलिंग पूरी कर सकेंगे। चलिए शुरू करते हैं इस मदद वाली गाइड के साथ! 🚀

Table of Contents

सही कागजात की तैयारी क्यों जरूरी है? 🎯

ITR फाइलिंग में सही कागजात का होना उतना ही जरूरी है जितना कि खाना बनाने के लिए सही सामान का होना! जब आपके पास सभी जरूरी कागजात तैयार होते हैं, तो फाइलिंग आसान और जल्दी हो जाती है, गलतियों से बचाव होता है, रिफंड जल्दी मिलता है और नोटिस का डर नहीं रहता।

सही कागजात रखने से आपको यह भी पता चल जाता है कि आपकी कितनी आमदनी हुई, कितना टैक्स कटा और कितनी बचत कर सकते हैं। इससे आपका पैसों का हिसाब-किताब भी सही रहता है और आगे की प्लानिंग भी अच्छी हो जाती है।

1. फॉर्म 16, फॉर्म 26AS, AIS/TIS और बैंक स्टेटमेंट – आपके ITR के मुख्य आधार 🏛️

फॉर्म 16: नौकरीपेशा लोगों के लिए सबसे अहम कागज 📄

फॉर्म 16 आपकी कंपनी आपको देती है, जिसमें आपकी साल भर की तनख्वाह और टैक्स कटौती की पूरी जानकारी होती है। यह कागज आपकी ITR फाइलिंग की नींव है क्योंकि इसमें आपकी सैलरी, भत्तों और अन्य छूट का पूरा ब्यौरा रहता है।

फॉर्म 16 के दो हिस्से होते हैं – पहला हिस्सा जिसमें TDS की जानकारी और तिमाही टैक्स कटौती का विवरण होता है, और दूसरा हिस्सा जिसमें सैलरी का ब्यौरा, भत्ते और सेक्शन 80C से 80U तक के तहत लिए गए फायदों की जानकारी होती है।

इसके अलावा, दूसरे TDS सर्टिफिकेट जैसे फॉर्म 16A (फिक्स्ड डिपॉजिट, कमीशन, लॉटरी पर TDS के लिए), फॉर्म 16B (₹50 लाख से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीदने पर), फॉर्म 16C (किराए पर TDS कटौती के लिए) और फॉर्म 16D (प्रोफेशनल काम पर TDS के लिए) भी जरूरी हैं अगर ये आपके काम आते हैं।

फॉर्म 26AS: आपका टैक्स क्रेडिट का हिसाब 📊

फॉर्म 26AS एक ऐसा कागज है जिसमें आपके सभी TDS और TCS का पूरा रिकॉर्ड होता है। यह कागज आपके लिए बहुत काम का है क्योंकि इससे आप पक्का कर सकते हैं कि आपके सभी टैक्स क्रेडिट सही तरीके से आपके खाते में आए हैं या नहीं।

फॉर्म 26AS में आपके सभी TDS और TCS क्रेडिट, एडवांस टैक्स पेमेंट, सेल्फ-असेसमेंट टैक्स और मिले रिफंड का विवरण रहता है। इस कागज को आयकर विभाग की वेबसाइट से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है, और यह आपकी ITR फाइलिंग के दौरान आपके टैक्स क्रेडिट की पुष्टि करने में मदद करता है।

AIS (Annual Information Statement) और TIS (Taxpayer Information Summary) 🔍

AIS फॉर्म 26AS का बढ़ा हुआ रूप है जिसमें आपकी सभी पैसों की लेनदेन का विस्तारा विवरण होता है। इसमें बैंक में जमा पैसे और सूद की कमाई, शेयर और म्यूचुअल फंड की खरीद-बेच, प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री, विदेशी पैसे भेजना और GST टर्नओवर जैसी जानकारी शामिल होती है।

TIS AIS का छोटा रूप है जो आपकी आमदनी का मुख्य विवरण देता है। यह आपको अपनी पैसों की स्थिति का जल्दी अंदाजा लगाने में मदद करता है और यह पक्का करता है कि आप अपनी ITR फाइलिंग में कोई जरूरी जानकारी न छोड़ें।

बैंक स्टेटमेंट: आपकी पैसों की हिस्ट्री 🏦

पूरे साल के सभी बैंक खातों के स्टेटमेंट डाउनलोड करना बहुत जरूरी है। ये स्टेटमेंट आपकी सूद की आमदनी, बड़ी लेनदेन, टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट और फिक्स्ड या रिकरिंग डिपॉजिट की मैच्योरिटी जैसी जरूरी जानकारी देते हैं।

बैंक स्टेटमेंट से आप अपनी आमदनी और खर्चों का मिलान आसानी से कर सकते हैं और यह पक्का कर सकते हैं कि आपकी ITR फाइलिंग में कोई गड़बड़ी न हो। अपने सभी बैंक खातों के स्टेटमेंट इकट्ठे करना पक्का करें, खासकर उन खातों के जिनमें आपकी तनख्वाह आती है या जिनका इस्तेमाल आप निवेश के लिए करते हैं।

2. टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट के सबूत – अपनी टैक्स की रकम कम करने के लिए! 💸

टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट के सबूत रखना बेहद जरूरी है क्योंकि इन्हीं के जरिए आप अपनी टैक्स लगने वाली आमदनी को कम कर सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचाने का फायदा उठा सकते हैं। सेक्शन 80C के तहत आप ₹1.5 लाख तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।

लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस 🛡️

लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की रसीदें आपकी टैक्स बचाने के लिए जरूरी कागजात हैं। LIC या टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम रसीदें (अपने लिए, पति/पत्नी, बच्चों के लिए) सेक्शन 80C के तहत कटौती के लिए मान्य हैं, जबकि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम रसीदें और मेडिकल चेकअप रसीदें सेक्शन 80D के तहत अलग से कटौती देती हैं।

स्वास्थ्य बीमा पर खर्च किए गए प्रीमियम के लिए, आप अपने और परिवार के लिए ₹25,000 तक और बुजुर्ग माता-पिता के लिए अलग से ₹50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। इसलिए, अपनी सभी इंश्योरेंस पॉलिसियों की प्रीमियम रसीदें संभालकर रखना जरूरी है।

सरकारी योजनाएं और लंबे समय के निवेश 🏛️

सरकारी बचत योजनाओं और लंबे समय के निवेश में किए गए योगदान भी टैक्स बचाने के लिए मान्य हैं। PPF अकाउंट पासबुक या जमा रसीदें, EPF/VPF स्टेटमेंट, NSC सर्टिफिकेट, सुकन्या समृद्धि अकाउंट पासबुक और NPS स्टेटमेंट (सेक्शन 80CCD(1B) के तहत अलग से ₹50,000) जैसे कागजात आपकी टैक्स कटौती के दावों का समर्थन करते हैं।

ये निवेश न सिर्फ आपको टैक्स बचाने में मदद करते हैं बल्कि आपके आने वाले समय के लिए पैसों की सुरक्षा भी पक्की करते हैं। इसलिए, इन निवेशों के सभी सबूतों को सुरक्षित रखें और अपनी ITR फाइलिंग के समय उन्हें उपलब्ध कराएं।

म्यूचुअल फंड और मार्केट से जुड़े निवेश 📈

ELSS म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट (3 साल के लॉक-इन के साथ) और टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (5 साल की मैच्योरिटी के साथ) जैसे मार्केट से जुड़े निवेश भी सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचत के लिए मान्य हैं। इन निवेशों के स्टेटमेंट और रसीदें आपकी ITR फाइलिंग के लिए जरूरी कागजात हैं।

ELSS म्यूचुअल फंड न सिर्फ टैक्स बचत देते हैं बल्कि लंबे समय में पैसे बढ़ाने की संभावना भी देते हैं। इसलिए, अपने सभी म्यूचुअल फंड निवेशों के स्टेटमेंट और रसीदें संभालकर रखें।

पढ़ाई और प्रॉपर्टी से जुड़े 🏠📚

बच्चों की ट्यूशन फीस रसीदें, होम लोन प्रिंसिपल रिपेमेंट सर्टिफिकेट और एजुकेशनल लोन इंटरेस्ट सर्टिफिकेट (सेक्शन 80E) जैसे कागजात भी टैक्स बचाने के लिए जरूरी हैं। बच्चों की पढ़ाई पर खर्च की गई ट्यूशन फीस सेक्शन 80C के तहत कटौती के लिए मान्य है।

एजुकेशनल लोन पर चुकाए गए ब्याज के लिए, आप सेक्शन 80E के तहत अलग से कटौती का दावा कर सकते हैं, जिसमें कोई ऊपरी सीमा नहीं है। इसलिए, अपने सभी पढ़ाई और प्रॉपर्टी से जुड़े खर्चों के कागजात को सुरक्षित रखें।

3. दूसरी आमदनी के कागजात – हर स्रोत की पूरी जानकारी! 🏢

अपनी सभी आमदनी के स्रोतों के कागजात को इकट्ठा करना और उन्हें व्यवस्थित रखना बेहद जरूरी है। यह पक्का करता है कि आप अपनी ITR फाइलिंग में किसी भी आमदनी के स्रोत को न छोड़ें और सभी जरूरी टैक्स की जिम्मेदारियों का पालन करें।

घर की प्रॉपर्टी/किराया आमदनी के लिए 🏠

अगर आपने अपनी प्रॉपर्टी किराए पर दी है, तो आपको रेंट एग्रीमेंट, महीने भर की किराया रसीदें, मकान मालिक का PAN (अगर सालाना किराया ₹1 लाख से ज्यादा है), प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें और होम लोन इंटरेस्ट सर्टिफिकेट (अगर प्रॉपर्टी पर लोन है) जैसे कागजात की जरूरत होगी।

किराया आमदनी पर टैक्स की गिनती करते समय, आप मरम्मत और देखभाल के लिए स्टैंडर्ड कटौती के रूप में किराया आमदनी का 30% और होम लोन पर चुकाए गए ब्याज की पूरी रकम की कटौती का दावा कर सकते हैं। इसलिए, अपनी सभी किराया आमदनी और संबंधित खर्चों के कागजात को सुरक्षित रखें।

कैपिटल गेन्स के लिए कागजात 📊

अगर आपने साल के दौरान शेयर, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी, सोना या चांदी जैसी किसी भी चीज की खरीद या बिक्री की है, तो आपको कैपिटल गेन्स पर टैक्स का भुगतान करना पड़ सकता है। इसके लिए, आपको ब्रोकर से कैपिटल गेन्स स्टेटमेंट, खरीद और बिक्री के कॉन्ट्रैक्ट नोट्स, म्यूचुअल फंड रिडेम्पशन स्टेटमेंट जैसे कागजात की जरूरत होगी।

प्रॉपर्टी, सोना और चांदी के लिए खरीद और बिक्री के एग्रीमेंट, रजिस्ट्रेशन कागजात, सुधार के खर्च के बिल और ट्रांसफर एक्सपेंस की रसीदें भी चाहिए होंगी। कैपिटल गेन्स की गिनती करते समय, खरीद की कीमत, बिक्री की कीमत और कितने समय तक रखा था, ये सभी जरूरी बातें हैं।

ब्याज़ की आमदनी के कागजात 💵

बचत खाता ब्याज़ सर्टिफिकेट, फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज़ स्टेटमेंट और TDS सर्टिफिकेट (फॉर्म 16A) जैसे कागजात आपकी ब्याज़ की आमदनी के सबूत के रूप में जरूरी हैं। ब्याज़ की आमदनी पर टैक्स की गिनती करते समय, आप सेक्शन 80TTA के तहत बचत खाते से मिले ब्याज़ पर ₹10,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।

बुजुर्गों के लिए, सेक्शन 80TTB के तहत बचत खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट से मिले ब्याज़ पर ₹50,000 तक की कटौती उपलब्ध है। इसलिए, अपनी सभी ब्याज़ की आमदनी के कागजात को सुरक्षित रखें।

दूसरे आमदनी के स्रोत 📝

डिविडेंड आमदनी स्टेटमेंट, विदेशी आमदनी के कागजात (अगर लागू हो) और बिजनेस आमदनी के लिए अकाउंट्स की किताबें जैसे कागजात भी आपकी ITR फाइलिंग के लिए जरूरी हैं। इन आमदनी के स्रोतों पर टैक्स की गिनती करते समय, खास नियम और छूट लागू हो सकती हैं।

मिसाल के तौर पर, डिविडेंड आमदनी अब टैक्सपेयर के हाथों में टैक्स लगने वाली है और इसे “दूसरे स्रोतों से आमदनी” के तहत दिखाना चाहिए। इसलिए, अपने सभी आमदनी के स्रोतों के कागजात को सुरक्षित रखें।

4. कागजात को कैसे व्यवस्थित करें – स्मार्ट फाइलिंग के लिए आसान तरीके! 🗂️

अपने सभी टैक्स कागजात को व्यवस्थित रखना ITR फाइलिंग की प्रक्रिया का एक जरूरी हिस्सा है। यह न सिर्फ फाइलिंग की प्रक्रिया को आसान बनाता है बल्कि आगे चलकर किसी भी पूछताछ या नोटिस का जवाब देने में भी मदद करता है।

डिजिटल व्यवस्थित रखने की रणनीति 💻

आज के डिजिटल जमाने में, अपने सभी टैक्स कागजात को डिजिटल रूप में रखना एक स्मार्ट विकल्प है। अपने कंप्यूटर या क्लाउड स्टोरेज पर एक व्यवस्थित फोल्डर बनाएं जिसमें बुनियादी कागजात (PAN, आधार, बैंक की जानकारी), तनख्वाह के कागजात (फॉर्म 16, पेस्लिप्स), TDS सर्टिफिकेट्स (26AS, 16A, वगैरह) के लिए अलग-अलग फोल्डर हों।

Google Drive, Dropbox या OneDrive जैसे क्लाउड स्टोरेज का इस्तेमाल करके अपने सभी कागजात का बैकअप रखें। इससे आप अपने कागजात को कहीं से भी देख सकते हैं और डेटा खो जाने के खतरे से भी बच सकते हैं। क्लाउड स्टोरेज का एक और फायदा यह है कि आप अपने कागजात को आसानी से अपने टैक्स सलाहकार या अकाउंटेंट के साथ शेयर कर सकते हैं।

असली कागजात व्यवस्थित करने के तरीके 📁

अगर आप अपने कागजात की असली कॉपियां रखना पसंद करते हैं, तो अलग-अलग तरह के कागजात के लिए अलग-अलग फोल्डर का इस्तेमाल करें। हर कागज पर तारीख और किस तरह का है यह लिखें ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके। पारदर्शी फोल्डर का इस्तेमाल करें ताकि कागजात दिखाई दे सकें।

एक चेकलिस्ट बनाएं और हर कागज को टिक करके ट्रैक करें ताकि आप यह पक्का कर सकें कि आपके पास सभी जरूरी कागजात हैं। गुम कागजात की एक अलग लिस्ट बनाएं ताकि आप उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हासिल कर सकें।

आपस में मिलान की प्रक्रिया

AIS, 26AS और असली कागजात को मिलाकर देखें ताकि यह पक्का किया जा सके कि सभी जानकारी सही और अपडेटेड है। अगर कोई गड़बड़ी है, तो उसे तुरंत रिपोर्ट करें और AIS में फीडबैक विकल्प का इस्तेमाल करें। यह आपस में मिलान की प्रक्रिया आपको अपनी ITR फाइलिंग में किसी भी गलती से बचने में मदद करेगी।

साल भर कागजात को इकट्ठा करते रहें और महीने भर की समीक्षा करें ताकि यह पक्का किया जा सके कि कोई कागज छूट न जाए। टैक्स-सेविंग निवेशों को ट्रैक करें और समय-समय पर उनकी समीक्षा करें ताकि आप अपनी टैक्स बचत को सबसे ज्यादा कर सकें।

5. खास लोगों के लिए अतिरिक्त कागजात 🎯

कुछ खास तरह के टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त कागजात की जरूरत हो सकती है। आइए इन खास लोगों के लिए जरूरी कागजात पर एक नज़र डालें।

NRI टैक्सपेयर्स के लिए 🌍

गैर-निवासी भारतीयों (NRI) को विदेशी बैंक खाता विवरण, टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट, DTAA फायदों के लिए संबंधित कागजात और विदेशी आमदनी के सबूत जैसे अतिरिक्त कागजात की जरूरत हो सकती है। NRI टैक्सपेयर्स के लिए, भारत में कमाई गई आमदनी पर टैक्स की गिनती के लिए खास नियम लागू होते हैं।

मिसाल के तौर पर, NRI के बैंक खातों पर कमाए गए सूद पर TDS की दर अलग हो सकती है और DTAA के तहत टैक्स राहत के लिए खास प्रावधान हो सकते हैं। इसलिए, अपनी सभी विदेशी आमदनी और निवेश के कागजात को सुरक्षित रखें।

बिजनेस/प्रोफेशनल आमदनी वालों के लिए 💼

व्यापार या पेशेवर आमदनी वाले टैक्सपेयर्स को अकाउंट्स की किताबें (टर्नओवर ₹1 करोड़ से ज्यादा होने पर ऑडिट जरूरी), GST रिटर्न, प्रोफेशनल रसीदें और इनवॉइस, और बिजनेस एक्सपेंस रसीदें जैसे अतिरिक्त कागजात की जरूरत होती है।

मिसाल के तौर पर, व्यापार या पेशेवर आमदनी वाले टैक्सपेयर्स को अपनी आमदनी का 8% (बिना डिजिटल लेनदेन के) या 6% (डिजिटल लेनदेन के साथ) अनुमानित आमदनी के रूप में घोषित करना पड़ सकता है अगर उनका टर्नओवर ₹2 करोड़ से कम है।

बुजुर्गों के लिए 👴

बुजुर्गों को मेडिकल खर्च रसीदें (सेक्शन 80DDB के लिए), डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट (सेक्शन 80U के लिए) और बुजुर्ग मेडिकल इंश्योरेंस (ज्यादा सीमाओं के लिए) जैसे अतिरिक्त कागजात की जरूरत हो सकती है।

मिसाल के तौर पर, बुजुर्गों (60-80 साल) के लिए बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट ₹3 लाख है, जबकि सुपर सीनियर सिटिजन (80 साल से ज्यादा) के लिए यह ₹5 लाख है। इसके अलावा, बुजुर्गों को सेक्शन 80TTB के तहत बचत खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट से मिले सूद पर ₹50,000 तक की कटौती का फायदा मिलता है।

6. डिजिटल बनाम असली कागजात – कौन सा बेहतर? 📱💻

आज के डिजिटल जमाने में, टैक्सपेयर्स के पास अपने टैक्स कागजात को डिजिटल या असली रूप में रखने का विकल्प है। दोनों विकल्पों के अपने फायदे और नुकसान हैं।

डिजिटल कागजात के फायदे:

डिजिटल कागजात के कई फायदे हैं जैसे आसान खोज और वापस पाना, जगह की बचत, कई बैकअप की संभावना और जल्दी शेयर करने की सुविधा। डिजिटल कागजात को आसानी से रखा, खोजा और शेयर किया जा सकता है, जो ITR फाइलिंग की प्रक्रिया को आसान बनाता है।

इसके अलावा, डिजिटल कागजात को आसानी से बैकअप किया जा सकता है और वे असली नुकसान या हानि के खतरे से मुक्त होते हैं। आप अपने डिजिटल कागजात को अपने कंप्यूटर, बाहरी हार्ड ड्राइव या क्लाउड स्टोरेज पर रख सकते हैं।

असली कागजात के फायदे:

असली कागजात के भी अपने फायदे हैं जैसे कानूनी मान्यता में कोई शक नहीं, तकनीकी खराबियों से बचाव और पुराने तरीके की सोच जो सभी को समझ आती है। कुछ लोग असली कागजात को संभालना और उनका इस्तेमाल करना ज्यादा आरामदायक पाते हैं।

सबसे अच्छा तरीका – मिला-जुला रास्ता:

सबसे अच्छा तरीका एक मिला-जुला रास्ता है जिसमें जरूरी कागजात की असली कॉपियां रखी जाती हैं, आसान पहुंच के लिए डिजिटल कॉपियां बनाई जाती हैं और सुरक्षा के लिए क्लाउड बैकअप रखा जाता है। इस तरह, आप दोनों विकल्पों के फायदों का लाभ उठा सकते हैं।

7. आम गलतियों से कैसे बचें? ⚠️

ITR फाइलिंग के दौरान कई लोग कुछ आम गलतियां करते हैं जो उन्हें परेशानी में डाल सकती हैं। आइए इन गलतियों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में जानें।

कागजात की गलतियां:

अधूरे फॉर्म जमा करना, फॉर्म 16 और 26AS में बेमेल जानकारी, मकान मालिक का PAN नहीं देना (HRA के लिए) और गलत निवेश सबूत जमा करना जैसी गलतियां आम हैं। इन गलतियों से बचने के लिए, अपने सभी कागजात की सावधानी से जांच करें और पक्का करें कि वे सही और अपडेटेड हैं।

व्यवस्था की गलतियां:

कागजात के लिए आखिरी समय में भागदौड़ करना, मिले-जुले तरह के कागजात रखना, जरूरी कागजात का कोई बैकअप नहीं रखना और पुरानी जानकारी का इस्तेमाल करना जैसी गलतियां भी आम हैं। इन गलतियों से बचने के लिए, अपने कागजात को व्यवस्थित रखें और नियमित रूप से उनकी समीक्षा करें।

8. ITR फाइलिंग के बाद कागजात को कितने समय तक रखें 📦

ITR फाइलिंग के बाद अपने कागजात को कितने समय तक रखना चाहिए, यह एक जरूरी सवाल है।

कितने साल रखें कागजात:

आम नियम के मुताबिक, आपको अपने सभी टैक्स कागजात को कम से कम 6-8 साल तक रखना चाहिए। यह इसलिए है क्योंकि आयकर विभाग पिछले 6 साल के लिए आपकी ITR फाइलिंग की जांच कर सकता है। प्रॉपर्टी कागजात को हमेशा के लिए रखना चाहिए, जबकि निवेश सबूतों को परिपक्वता तक रखना चाहिए।

सुरक्षित रखने के तरीके:

अपने जरूरी असली कागजात को आग से बचने वाले सेफ में रखें ताकि वे आग या दूसरी आपदाओं से सुरक्षित रहें। संवेदनशील कागजात को डिजिटल एन्क्रिप्शन के साथ सुरक्षित करें। क्लाउड पर नियमित बैकअप लें और परिवार के सदस्यों के लिए एक एक्सेस लिस्ट बनाएं।

निष्कर्ष: तैयारी में ही सफलता का राज! 🏆

ITR फाइलिंग 2025 के लिए सफलता का मूल मंत्र है सही कागजात और व्यवस्थित रखरखाव। जब आपके पास सभी जरूरी कागजात तैयार और व्यवस्थित होते हैं, तो फाइलिंग की प्रक्रिया आसान और जल्दी हो जाती है, आप सभी टैक्स फायदों का पूरा लाभ उठा सकते हैं, नोटिस का तनाव नहीं रहता और रिफंड जल्दी मिल जाता है।

मुख्य बातें:

सबसे पहले बुनियादी कागजात (PAN, आधार, फॉर्म 16, 26AS) व्यवस्थित करें ताकि आपकी फाइलिंग की शुरुआत अच्छी हो सके। अपने निवेश सबूतों को अलग-अलग तरह के हिसाब से व्यवस्थित करें ताकि आप अपने सभी टैक्स फायदों का दावा कर सकें। डिजिटल और असली दोनों तरह की कॉपियां रखें ताकि आप दोनों विकल्पों के फायदों का लाभ उठा सकें।

AIS, 26AS और असली कागजात का आपस में मिलान जरूर करें ताकि आप किसी भी गड़बड़ी को तुरंत पहचान सकें और सुधार सकें। आने वाली जरूरतों के लिए कागजात रखने की नीति का पालन करें ताकि आप किसी भी पूछताछ या नोटिस का जवाब दे सकें।

अगर आप इन सभी सुझावों का पालन करते हैं, तो आपकी ITR फाइलिंग की यात्रा बिल्कुल आसान होगी। अपने दोस्तों और परिवार के साथ यह मददगार गाइड जरूर शेयर करें। टैक्स सीजन में सभी की मदद हो जाएगी!

हैप्पी ITR फाइलिंग! 🎉📊

नोट: यह जानकारी आम मार्गदर्शन के लिए है। खास टैक्स सलाह के लिए योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट से परामर्श लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *