1. मैं NRI हूँ, कौन-सा ITR फ़ॉर्म चुनूँ?
- ज़्यादातर एनआरआई को ITR-2 भरना चाहिए क्योंकि इसमें सैलरी, रेंट, इंटरेस्ट, कैपिटल गेन सब कवर हो जाते हैं।
- अगर भारत में बिज़नेस या फ़्रीलांस इनकम है तो ITR-3 चुनें।
- छोटे कंसल्टिंग/प्रेसम्पटिव टर्नओवर (₹50 लाख/₹2 करोड़) वाले NRI ITR-4 चुन सकते हैं।
- ITR-1 (सहज) एनआरआई के लिए मान्य नहीं है।
2. DTAA क्या है और टैक्स डिडक्शन कैसे मिलेगी?
- Double Taxation Avoidance Agreement (DTAA) भारत व आपके निवासी देश के बीच करार है जो एक ही इनकम पर दो बार टैक्स से बचाता है।
- NRI को भारत में कम TDS रेट पाने या विदेश में Foreign Tax Credit क्लेम करने के लिए तीन चीज़ें जमा करनी पड़ती हैं:
- Tax Residency Certificate (TRC) – अपने रेसिडेंट देश से लें।
- Form 10F – अब ई-फाइल करना अनिवार्य है।
- सेल्फ-डिक्लेरेशन—बेनीफिशियल ऑनरशिप व DTAA आर्टिकल बताएं।
- उदाहरण: यूएस-आधारित NRI के NRO इंटरेस्ट पर सामान्य 30% की जगह DTAA से सिर्फ 15% टैक्स कटेगा; बचे 15% का रिफंड ITR में मिलेगा।
3. भारत में इनकम पर टैक्स रूल्स
इनकम का प्रकार | टैक्साबिलिटी | TDS/रेट्स (सामान्य) | DTAA से राहत |
---|---|---|---|
NRO सेविंग/FD इंटरेस्ट | पूरी तरह टैक्सेबल | 30% + सेस | रेट घटकर 10–15% |
NRE/FCNR इंटरेस्ट | पूरी तरह टैक्स-फ्री | 0% | – |
रेंटल इनकम | स्लैब दर, 30% स्टैंडर्ड डिडक्शन | किराया देने वाला 30% TDS काटेगा | FTC या क्रेडिट |
लिस्टेड शेयर/MF STCG (Sec 111A) | 15% | ब्रोकरेज पर 15% | क्रेडिट |
LTCG (Sec 112A) ₹1 लाख से ऊपर | 10% | 10% | क्रेडिट |
प्रॉपर्टी बिक्री पर LTCG | 20% इंडेक्सेशन | 20% TDS | क्रेडिट/इग्ज़ेम्प्शन Sec 54 |
ध्यान दें: NRI पर बेसिक एग्ज़ेम्प्शन लिमिट (₹2.5–3 लाख) तो लागू है, मगर स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹50 हज़ार या 87A रिबेट नहीं मिलती।
4. ITR फाइल करने से पहले यह डॉक्यूमेंट्स संभालें
- PAN व वैध पासपोर्ट (इमिग्रेशन स्टैम्प सहित)
- NRO/NRE बैंक स्टेटमेंट व इंटरेस्ट सर्टिफिकेट
- Form 16/16A, अगर भारत में सैलरी या TDS कटा है
- रेंट एग्रीमेंट व किराया रसीदें, प्रॉपर्टी टैक्स रसीद
- कैपिटल गेन स्टेटमेंट (ब्रोकर/AMC)
- होम लोन इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस प्रीमियम रसीदें, ट्रांजैक्शन-डेट फाइल
- TRC + Form 10F PDF
- आदान-प्रदान के दिन (पासपोर्ट से) – रेसिडेंट स्टेटस कैल्कुलेट करने के लिए
- Aadhaar वैकल्पिक, पर OTP-वेरिफ़िकेशन आसान बनाता है।
5. 8-स्टेप ऑनलाइन फाइलिंग वेरिफ़िकेशन प्रोसेस
- रेसिडेंट स्टेटस तय करें – https://www.incometax.gov.in पर लॉगिन कर ‘एम आई NRI?’ चेक-टूल से दिन गिनें।
- Form 26AS & AIS मिलान कर इनकम-TDS रीकॉन्साइल करें।
- Taxable इनकम + टैक्स लायबिलिटी कैलकुलेट करें; एडवांस टैक्स पेंडिंग हो तो चुकाएँ।
- DTAA क्रेडिट हेतु Schedule TR व relief सेक्शन भरें; Form 67 अपलोड (अगर विदेशी टैक्स क्रेडिट क्लेम कर रहे) ।
- ITR-2/3 सिलेक्ट करें; पॉकेट-फ्रेंडली ‘ऑनलाइन’ मोड में प्री-फिल्ड डेटा चेक करें।
- बैंक अकाउंट व IFSC अपडेट करें; NRE/NRO अकाउंट चुनें जहाँ रिफंड चाहिए।
- रिटर्न जमा करें और तुरंत ई-वेरिफ़ाई करें—नेट-बैंकिंग, डीमैट EVC या आफलाइन साइन-पोस्ट मेल विकल्प उपलब्ध।
- ITR-V रिसीप्ट डाउनलोड कर रिकॉर्ड रखें; रिफंड/डिमांड स्टेटस ट्रैक करें।
6. कॉमन गलतियाँ जिनसे बचें
- NRE इंटरेस्ट को टैक्सेबल मान लेना।
- Form 10F जमा किए बिना DTAA क्लेम करना—रिफंड रोका जा सकता है।
- रेंटल TDS कटोत्सर्ग पर ‘Lower Deduction Certificate’ न लेना।
- प्रॉपर्टी बिक्री पर 20% TDS के बावजूद Sec 54 में रिइन्वेस्टमेंट डिटेल न भरना।
7. आख़िरी मिनट रिमाइंडर
- FY 2024-25 (AY 2025-26) के लिए नॉन-ऑडिट केस ड्यू-डेट 15 सितंबर 2025 है; फिर भी देर न करें।
- ₹10,000 से ज़्यादा टैक्स लायबिलिटी हो तो एडवांस टैक्स चार किस्तों में भरें, वरना 234B/234C ब्याज़ कटेगा।
अब देरी क्यों? आज ही लॉग-इन करें, डॉक्यूमेंट्स जुटाएँ और अपने NRI टैक्स फाइलिंग के झंझट से निजात पाएँ